कोलकाता उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि जिन क्लबों और पूजा समितियों ने अपने पूर्ववर्ती अनुदान का उपयोग प्रमाण पत्र (Utilisation Certificate) जमा नहीं किया है, उन्हें दुर्गा पूजा के लिए वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। यह निर्देश राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत किए गए आंकड़ों और अदालत की समीक्षा के आधार पर दिया गया।
राज्य सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि कोलकाता में कुल 44,671 दुर्गा पूजा समितियां हैं। इनमें से 2,876 समितियों ने समय पर अपने उपयोग प्रमाण पत्र और रिपोर्ट जमा कर दी हैं। बाकी समितियों ने अपने उपयोग प्रमाण पत्र समय पर प्रस्तुत नहीं किया है।
कोलकाता उच्च न्यायालय ने इस मामले में कहा कि उपयोग प्रमाण पत्र जमा करना अनुदान प्राप्त करने की शर्त है। यह प्रमाण पत्र यह सुनिश्चित करता है कि प्राप्त धन का सही और पारदर्शी तरीके से उपयोग हुआ है। जिन समितियों ने प्रमाण पत्र नहीं दिया, उन्हें राज्य सरकार की वित्तीय सहायता से वंचित किया जाएगा।
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न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कदम न केवल वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इस आदेश से स्पष्ट संदेश गया है कि पूजा समितियों और क्लबों को अपने अनुदान का सही उपयोग और समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करनी होगी, अन्यथा उन्हें सरकारी सहायता नहीं मिलेगी।
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