उत्तर कोरिया ने अपनी परमाणु क्षमता और पारंपरिक सैन्य शक्ति दोनों को बढ़ाने की योजना की घोषणा की है। यह जानकारी देश के सरकारी मीडिया ने दी। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने हाल ही में हथियार अनुसंधान सुविधाओं का दौरा किया और कहा कि प्योंगयांग “समानांतर रूप से परमाणु बलों और पारंपरिक सशस्त्र बलों के निर्माण को आगे बढ़ाने की नीति अपनाएगा।”
किम जोंग-उन के इस बयान से साफ होता है कि उत्तर कोरिया अपनी सैन्य रणनीति को और सुदृढ़ करने की दिशा में काम कर रहा है। उनके अनुसार, यह कदम देश की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय दबावों का सामना करने के लिए आवश्यक है। किम ने विशेष रूप से हथियार अनुसंधान केंद्रों का दौरा किया और वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों को निर्देश दिए कि वे नई तकनीक और उन्नत हथियार प्रणालियों के विकास पर तेजी से काम करें।
सरकारी मीडिया के अनुसार, किम जोंग-उन ने यह भी कहा कि प्योंगयांग अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने में जुटा रहेगा। उनके दृष्टिकोण में यह नीति देश के लिए रक्षा सुरक्षा सुनिश्चित करने और रणनीतिक संतुलन बनाए रखने का एक माध्यम है।
और पढ़ें: यूक्रेन संघर्ष में समर्थन के लिए पुतिन ने किम जोंग उन का आभार जताया
विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया की यह घोषणा क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर तनाव बढ़ा सकती है। साथ ही, यह अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर सकती है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय सुरक्षा और परमाणु संतुलन पर प्रभाव पड़ सकता है।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें उत्तर कोरिया की अगली सैन्य गतिविधियों और नए हथियार परीक्षणों पर टिकी हैं।
और पढ़ें: उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन की बेटी ने चीन की सैन्य परेड में किया अंतरराष्ट्रीय पदार्पण