भारत के निर्वाचन आयोग (ECI) ने जानकारी दी कि बिहार में मतदाता सूची अद्यतन प्रक्रिया के अंतर्गत अब तक 21 लाख से अधिक गणना फॉर्म प्राप्त नहीं हुए हैं। यह आंकड़ा राज्य भर में चल रही मतदाता पंजीकरण और सूची अपडेट प्रक्रिया की धीमी प्रगति को दर्शाता है।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, यह देरी मुख्य रूप से कुछ जिलों में प्रशासनिक शिथिलता और जनप्रतिनिधियों के सहयोग की कमी के कारण हुई है। आयोग ने राज्य सरकार और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस प्रक्रिया में तेजी लाएं और शेष गणना फॉर्म शीघ्र जमा करें।
बिहार में मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य हर वर्ष नियमित रूप से किया जाता है, जिससे नए मतदाताओं का पंजीकरण और मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जा सकें। यह प्रक्रिया भविष्य में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि "गणना फॉर्म में देरी से न केवल मतदाता सूची में त्रुटियां बढ़ती हैं, बल्कि यह चुनावी तैयारियों को भी प्रभावित कर सकती है। हमने सभी संबंधित अधिकारियों को विशेष निगरानी रखने और फॉर्म की शीघ्र प्रोसेसिंग के निर्देश दिए हैं।"
इसके अलावा आयोग ने यह भी बताया कि डिजिटलीकरण के माध्यम से फॉर्म प्रसंस्करण को अधिक पारदर्शी और त्वरित बनाने के लिए तकनीकी उपाय भी अपनाए जा रहे हैं। चुनाव आयोग अगले कुछ हफ्तों में अद्यतन प्रगति की समीक्षा करेगा।