पंजाब विश्वविद्यालय (PU) के छात्रों ने बुधवार (26 नवंबर 2025) को घोषणा की कि वे 3 दिसंबर को पंजाब और चंडीगढ़ में बीजेपी कार्यालयों का घेराव करेंगे। यह आंदोलन विश्वविद्यालय की सीनेट चुनाव तिथि घोषित करने की मांग को लेकर शुरू किया गया है। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे अपना विरोध जारी रखेंगे।
यह विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा पंजाब विश्वविद्यालय की शासी निकाय—सीनेट और सिंडिकेट—के पुनर्गठन के फैसले के खिलाफ शुरू हुआ था। हालांकि भारी राजनीतिक दबाव और छात्रों के लगातार विरोध के चलते शिक्षा मंत्रालय ने 7 नवंबर को यह विवादित अधिसूचना वापस ले ली, इसके बावजूद छात्रों ने आंदोलन वापस लेने से इनकार कर दिया और सीनेट चुनाव की तिथि की घोषणा पर जोर दिया।
छात्र नेताओं के अनुसार, केंद्रीय मंत्री रवीनीत सिंह बिट्टू ने आश्वासन दिया था कि सीनेट चुनाव की तिथि जल्द घोषित की जाएगी, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। इस मुद्दे पर छात्रों में गहरा असंतोष है, क्योंकि चुनाव पिछले एक वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं।
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पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा के तहत छात्रों ने बुधवार को विश्वविद्यालय में पूर्ण बंद का आह्वान किया। यह प्रदर्शन कुलपति कार्यालय के पास किया गया, जहां छात्र नेता जोध सिंह ने कहा कि वे अन्य छात्र संगठनों, किसान यूनियनों और धार्मिक समूहों के समर्थन से बीजेपी कार्यालयों का घेराव करेंगे।
स्थिति को देखते हुए पुलिस ने कैंपस में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए और एंटी-रायट वाहनों को भी तैनात किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बुधवार को छुट्टी घोषित कर दी और सभी विभाग बंद रहे। साथ ही, उस दिन होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं।
10 नवंबर को भी छात्रों ने बड़ा प्रदर्शन किया था, जिसमें वे विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वारों को तोड़कर अंदर घुस आए और सुरक्षा कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की हुई।
आंदोलन को पंजाब की कई राजनीतिक पार्टियों—जैसे आम आदमी पार्टी, अकाली दल, कांग्रेस—और किसान संगठनों, जिनमें संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मज़दूर संघर्ष मोर्चा शामिल हैं, का समर्थन मिला हुआ है।
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