केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार (4 दिसंबर 2025) को राज्यसभा में जानकारी दी कि भारत की निचली अदालतों में लगभग 4.80 करोड़ मामले लंबित हैं। उन्होंने बताया कि देशभर के जिला अदालतों में न्यायाधीशों के कुल 4,855 पद खाली हैं, जबकि विभिन्न उच्च न्यायालयों में 297 पद रिक्त हैं।
कानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में पिछले पांच वर्षों में लंबित मामलों की जानकारी भी साझा की। उन्होंने लिखित उत्तर में बताया कि 1 दिसंबर 2025 तक उच्चतम न्यायालय में 90,694 मामले विचाराधीन थे, जबकि 2021 में यह संख्या 70,239 थी।
अर्जुन राम मेघवाल ने यह भी कहा कि न्यायपालिका में न्यायाधीशों की कमी के कारण मामलों की सुनवाई में देरी हो रही है। उन्होंने बताया कि रिक्त पदों की पूर्ति के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि लंबित मामलों को कम किया जा सके।
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कानून मंत्री ने राज्यसभा में यह जानकारी उस समय साझा की जब विपक्ष और अन्य सांसदों ने न्यायपालिका में बढ़ती देरी और अदालतों में लंबित मामलों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार न्यायपालिका की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और नए न्यायाधीशों की नियुक्ति के साथ-साथ तकनीकी साधनों का प्रयोग करके मामलों की सुनवाई में तेजी लाने का प्रयास कर रही है।
इसके अलावा, उच्च न्यायालयों और जिला अदालतों में रिक्त पदों की जानकारी साझा कर यह भी स्पष्ट किया गया कि न्यायपालिका में सुधार और संसाधनों की उपलब्धता दोनों पर ध्यान दिया जा रहा है।
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