प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को महान गायक, संगीतकार और कवि भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हजारिका जी ने अपने गीतों और विचारों के माध्यम से हमें मानवता, करुणा और भाईचारे का मार्ग दिखाया।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भूपेन हजारिका केवल असम या उत्तर-पूर्व के नहीं, बल्कि पूरे भारत और विश्व के सांस्कृतिक दूत थे। उन्होंने अपने गीतों में समाज के पीड़ित, वंचित और संघर्षरत वर्गों की आवाज़ को बुलंद किया। प्रधानमंत्री ने हजारिका की कुछ प्रसिद्ध पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका संगीत लोगों को जोड़ने, पुल बनाने और करुणा की भावना जगाने का काम करता रहा है।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हजारिका जी की रचनाएँ हमें याद दिलाती हैं कि विविधता में एकता भारत की सबसे बड़ी ताकत है। उनकी कला और संदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने उनके जीवनकाल में थे।
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कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने यह भी दोहराया कि सरकार उत्तर-पूर्व भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और उसे राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। भूपेन हजारिका की विरासत, उन्होंने कहा, नई पीढ़ी को सहानुभूति, भाईचारा और सेवा भाव से भरा जीवन जीने की प्रेरणा देती है।
हजारिका, जिन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था, ने अपने गीतों के माध्यम से सामाजिक न्याय और समानता का संदेश फैलाया। उनकी 100वीं जयंती का यह उत्सव, भारतीय संस्कृति और कला के लिए गर्व का अवसर माना जा रहा है।
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