प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार से शुरू होने वाले तीन दिवसीय दौरे पर पूर्वोत्तर और बिहार के पांच जिलों का भ्रमण करेंगे। इस दौरान वे बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, परिवहन और सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे, जिनकी कुल लागत लगभग ₹71,850 करोड़ आंकी गई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से जारी जानकारी के अनुसार, मोदी 13 से 15 सितंबर तक मिजोरम, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार का दौरा करेंगे। इस दौरान वे कई बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे जो क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी।
जानकारी के मुताबिक, इन परियोजनाओं में सड़क और रेल नेटवर्क को मजबूत करने वाली योजनाएं, ऊर्जा उत्पादन और वितरण से जुड़े प्रोजेक्ट, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सामाजिक क्षेत्र की पहलें शामिल हैं। इसका उद्देश्य न केवल आर्थिक विकास को गति देना है बल्कि रोजगार के नए अवसर पैदा करना और जीवन स्तर में सुधार करना भी है।
और पढ़ें: राहुल गांधी का बयान: देश के सामने सबसे बड़ा मुद्दा वोट चोरी, मणिपुर दौरा अब कोई बड़ी बात नहीं
पूर्वोत्तर भारत लंबे समय से बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी की चुनौतियों से जूझ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने और देश के इस हिस्से को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, बिहार में भी सामाजिक और औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देने वाली परियोजनाओं पर जोर दिया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह दौरा न केवल विकास के लिहाज से महत्वपूर्ण है बल्कि 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम संकेत देता है।
और पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी 13 सितंबर को मणिपुर दौरे पर, चुराचांदपुर और इम्फाल में विस्थापितों से करेंगे संवाद