प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा कि वे भारतीय किसानों के हितों की रक्षा के लिए किसी भी निजी कीमत को चुकाने को तैयार हैं। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं, खासतौर पर कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 50% कर दिया है।
पीएम मोदी ने कहा, “भारत के किसान मेरे लिए सर्वोपरि हैं। अगर किसानों के हितों की रक्षा के लिए मुझे व्यक्तिगत नुकसान भी उठाना पड़े, तो मैं पीछे नहीं हटूंगा।” उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार घरेलू कृषि क्षेत्र को प्रभावित करने वाली किसी भी वैश्विक व्यापार नीति का मजबूती से जवाब देगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित इस टैरिफ वृद्धि से भारत के चावल, मसाले, फल और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात पर बड़ा असर पड़ सकता है। व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारतीय कृषि निर्यातकों की अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा घटेगी और घरेलू किसानों को नुकसान हो सकता है।
और पढ़ें: पीएम मोदी 2018 के बाद पहली बार चीन यात्रा पर जा सकते हैं, एससीओ शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल
पीएम मोदी ने यह भी संकेत दिए कि भारत वैकल्पिक बाजारों की तलाश करेगा और घरेलू कृषि को मजबूत बनाने के लिए और कदम उठाएगा। केंद्र सरकार द्वारा किसानों के समर्थन में लिए गए फैसलों को उन्होंने "राष्ट्रहित में आवश्यक" बताया।
यह बयान राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश में किसानों और ग्रामीण वर्ग को यह संदेश देता है कि सरकार वैश्विक दबावों के बावजूद उनके साथ खड़ी है।
और पढ़ें: राहुल गांधी का आरोप: अडानी मामले में अमेरिकी जांच के कारण पीएम मोदी ट्रंप की धमकियों का विरोध नहीं कर पा रहे