बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अक्टूबर को दो रैलियों के साथ भाजपा का प्रचार अभियान शुरू करेंगे। यह अभियान एनडीए और विपक्षी दलों के बीच जारी उलझन और असमंजस के बीच होगा।
विपक्षी इंडिया ब्लॉक में भ्रम लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके बावजूद, शनिवार (18 अक्टूबर) को उम्मीदवारों की नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से पहले केवल दो दिन बचे थे। इस बीच, असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने 25 उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसमें दो गैर-मुस्लिम उम्मीदवार भी शामिल हैं। सूची में अख़्तरुल इमान, AIMIM के बिहार राज्य अध्यक्ष और पार्टी के एकमात्र विधायक का नाम भी शामिल है।
वहीं, आरजेडी को नया विवाद झेलना पड़ा जब पार्टी के टिकट से वंचित उम्मीदवार मदान शाह रविवार (19 अक्टूबर) को टूट गए, अपने कपड़े फाड़ दिए और सड़क पर लोटने लगे। यह घटना पार्टी में टिकट वितरण को लेकर असंतोष को दर्शाती है।
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राज्य में एनडीए को भी झटका लगा। लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की उम्मीदवार सीमा सिंह की नामांकन प्रक्रिया में मरहौरा विधानसभा सीट के लिए नामांकन रद्द कर दिया गया।
इसके अलावा, जदयू ने पूर्व सांसद सबीरी अली की अमौर विधानसभा सीट पर नामांकन वापिस ले लिया और पहले से नामांकन कर चुकी सबा जाफर को अपना उम्मीदवार बनाया। सबीरी अली को 2014 में जदयू से निष्कासित किया गया था और अचानक उनके नामांकन की घोषणा पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए आश्चर्यजनक थी।
इस प्रकार, बिहार में राजनीतिक हलचल और टिकट विवाद के बीच प्रधानमंत्री मोदी की भाजपा रैलियां महत्वपूर्ण मोड़ साबित होंगी और चुनावी माहौल को और गर्माएंगी।
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