प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंदन यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन ने एक महत्वाकांक्षी रणनीतिक रोडमैप का अनावरण किया और एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए। ब्रिटिश सरकार ने इस समझौते को द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में एक बड़ा मोड़ बताया है।
ब्रिटेन के आधिकारिक बयान के अनुसार, इस मुक्त व्यापार समझौते से दोनों देशों के बीच बाजार पहुंच में उल्लेखनीय सुधार होगा और सालाना लगभग 34 बिलियन डॉलर के व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा। यह समझौता कृषि, विनिर्माण, डिजिटल सेवाओं, वित्तीय क्षेत्र, और बौद्धिक संपदा अधिकारों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने साथ मिलकर एक "2030 साझेदारी विज़न डॉक्युमेंट" जारी किया, जिसमें जलवायु परिवर्तन, रक्षा सहयोग, शिक्षा, स्वास्थ्य और नवाचार जैसे क्षेत्रों में संयुक्त प्रयासों की योजना शामिल है। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन संबंधों को "ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप" के रूप में परिभाषित किया।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह FTA न केवल व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि ब्रिटेन के ब्रेक्ज़िट के बाद भारत को एक प्रमुख साझेदार के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय प्रवासी समुदाय से भी मुलाकात की और उन्हें भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक भूमिका के बारे में जानकारी दी। यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रतीक बन गई है।
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