प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया मालदीव यात्रा ने भारत-मालदीव संबंधों को एक नया आयाम दिया है। यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच कुछ समय से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुज्जू के भारत दौरे के दौरान ही दोनों देशों ने "समग्र आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी" पर एक साझा दृष्टि पत्र पर सहमति जताई थी।
इस दृष्टि पत्र में आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और समुद्री सहयोग को और मजबूत करने का खाका तैयार किया गया है। इसमें समुद्री निगरानी, आतंकवाद रोधी सहयोग, पर्यटन, व्यापार, निवेश और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग को प्राथमिकता दी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा को रिश्तों में 'पुनरुद्धार' के रूप में देखा जा रहा है, खासकर उस पृष्ठभूमि में जब मुज्जू सरकार के आने के बाद भारत विरोधी बयान और चीन के प्रति झुकाव की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन अब मालदीव की ओर से स्पष्ट संकेत दिया गया है कि वह भारत के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना चाहता है।
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इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुज्जू के बीच व्यापक बातचीत हुई, जिसमें आपसी हितों और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने पर जोर दिया गया। इस यात्रा को भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और हिंद महासागर में प्रभाव बनाए रखने की कूटनीतिक रणनीति के तहत अहम माना जा रहा है।
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