कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या आयोग अपनी जिम्मेदारी को सिर्फ भाजपा तक सीमित मानता है और अन्य राजनीतिक दलों की शिकायतों को नज़रअंदाज़ करता है।
प्रियंका गांधी ने यह टिप्पणी हाल ही में कर्नाटक के मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों और ‘वोट चोरी’ के आरोपों को लेकर की। उन्होंने पूछा कि जब तक निर्वाचन आयोग ने इस मामले की जांच ही नहीं की है, तब तक वह कैसे दावा कर सकता है कि ये आरोप गलत हैं।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का दायित्व है कि वह सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों के हित में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कार्य करे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आयोग को यह पुनर्विचार करना चाहिए कि उसकी जवाबदेही किसके प्रति है — सिर्फ एक राजनीतिक दल के प्रति या पूरे देश के मतदाताओं के प्रति।
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प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि लोकतंत्र में निर्वाचन आयोग जैसी संस्थाओं की स्वतंत्रता और निष्पक्षता लोकतांत्रिक प्रक्रिया की आत्मा है। यदि शिकायतों की सही तरीके से जांच नहीं होती, तो लोगों का भरोसा संस्थाओं पर से उठ सकता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता पर तुरंत और निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनी रहे।
प्रियंका गांधी के इस बयान ने राजनीतिक माहौल में एक बार फिर से आयोग की भूमिका और उसकी निष्पक्षता को लेकर बहस को तेज कर दिया है।
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