केंद्र सरकार ने पंजाब में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर अनियमितताओं का दावा किया है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि पंजाब में मनरेगा के तहत 10,653 से अधिक वित्तीय अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं, लेकिन अब तक किसी भी मामले में धन की वसूली नहीं की जा सकी है।
शिवराज सिंह चौहान का यह बयान ऐसे समय आया है, जब पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने केंद्र सरकार के नए ग्रामीण रोजगार कानून — विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G अधिनियम — का विरोध करने के लिए विशेष विधानसभा सत्र बुलाया है। इस सत्र में राज्य सरकार केंद्र के इस कानून को राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप बता रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मनरेगा जैसे महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराना है, लेकिन यदि इसके क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं होती हैं, तो इससे योजना की विश्वसनीयता और लाभार्थियों के अधिकारों पर असर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार इन मामलों पर नजर बनाए हुए है और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
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पंजाब सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र में VB-G RAM G अधिनियम को लेकर तीखी बहस होने की संभावना है। राज्य सरकार का आरोप है कि यह नया कानून मनरेगा जैसी मौजूदा योजनाओं को कमजोर कर सकता है और राज्यों की स्वायत्तता पर असर डालता है। वहीं, केंद्र का कहना है कि यह कानून ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका के अवसरों को और मजबूत करने के उद्देश्य से लाया गया है।
मनरेगा में कथित अनियमितताओं और नए कानून को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार के बीच टकराव से राजनीतिक तापमान बढ़ गया है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमा सकता है।
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