उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में निर्मित राष्ट्र प्रेरणा स्थल को भारतीय जनता पार्टी के तीन प्रमुख विचारकों और नेताओं को समर्पित एक भव्य स्मारक के रूप में विकसित किया गया है। इस स्मारक परिसर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को करेंगे, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती भी है। उद्घाटन के बाद यह स्मारक आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
राष्ट्र प्रेरणा स्थल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी और प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक दीनदयाल उपाध्याय की विशाल प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इन प्रतिमाओं को इस तरह डिजाइन किया गया है कि आगंतुकों को इन नेताओं के विचारों और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान की झलक मिल सके।
परिसर के भीतर एक आधुनिक दो मंज़िला संग्रहालय भी बनाया गया है, जहां इन तीनों नेताओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदर्शित की गई हैं। संग्रहालय में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध कविताएं और ऐतिहासिक भाषण, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय के राष्ट्रवादी विचारों पर आधारित उद्धरण और दस्तावेज रखे गए हैं।
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इसके अलावा, ऑडियो और मल्टीमीडिया प्रस्तुतियों के माध्यम से आगंतुकों को इन नेताओं के जीवन, संघर्ष और देश के विकास में उनके योगदान की जानकारी दी जाएगी। डिजिटल डिस्प्ले और इंटरैक्टिव माध्यमों का उपयोग कर नई पीढ़ी को भी राष्ट्रवाद और सार्वजनिक जीवन के मूल्यों से जोड़ने का प्रयास किया गया है।
राष्ट्र प्रेरणा स्थल को केवल स्मारक नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक शैक्षणिक केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। यहां आने वाले लोग न केवल इतिहास को जान सकेंगे, बल्कि इन नेताओं के विचारों से प्रेरणा भी ले सकेंगे। राज्य सरकार का मानना है कि यह स्थल लखनऊ के सांस्कृतिक और राजनीतिक पर्यटन को नया आयाम देगा और युवाओं में देशभक्ति और राष्ट्र सेवा की भावना को मजबूत करेगा।
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