भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार (28 नवंबर 2025) को 244 संक्षिप्त मास्टर डायरेक्शंस (MDs) जारी किए। यह कदम बैंक और अन्य नियामित संस्थाओं पर अनुपालन का बोझ कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस प्रक्रिया में RBI ने वर्षों से जारी लगभग 3500 डायरेक्शंस, सर्कुलर और गाइडलाइंस की समीक्षा की।
RBI के उप-गवर्नर, शिरीष चंद्र मूर्मू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि “ये 244 मास्टर डायरेक्शंस उन सभी नियामक निर्देशों का संकलन हैं, जो दशकों से रेगुलेटेड एंटिटीज़ (REs) को दिए गए थे और वर्तमान में डिपार्टमेंट ऑफ रेगुलेशन द्वारा प्रबंधित किए जा रहे हैं।”
इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि REs के लिए नियमों का पालन करना सरल और स्पष्ट हो। पुराने और विघटनकारी निर्देशों को हटाकर, नए मास्टर डायरेक्शंस ने नियमों और दिशानिर्देशों का समेकित और सुव्यवस्थित स्वरूप तैयार किया है।
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RBI ने कहा कि इस कदम से न केवल अनुपालन प्रक्रिया में आसानी आएगी, बल्कि संस्थाओं को नियमों की समझ में भी सुधार होगा। पुराने सर्कुलर और दिशानिर्देश अब मास्टर डायरेक्शंस में समाहित कर दिए गए हैं, जिससे नियमों का पालन करना और निगरानी रखना दोनों आसान हो जाएगा।
इसके अलावा, RBI ने यह भी स्पष्ट किया कि इस संकलन के बाद जिन निर्देशों को हटाया गया है, उनके अनुपालन के लिए अब कोई आवश्यकता नहीं होगी। यह कदम विशेष रूप से छोटे और मध्यम वित्तीय संस्थानों पर अनुपालन के बोझ को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।
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