राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने गुरुवार को नागपुर के रेशीमबाग मैदान में अपनी विशेष विजयदशमी समारोह की औपचारिक शुरुआत की। यह समारोह संघ की शताब्दी वर्ष की एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में आयोजित किया गया है। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं, जो बुधवार को नागपुर पहुंचे थे।
रामनाथ कोविंद ने समारोह में भाग लेने से पहले देक्षितभूमि का भी दौरा किया। देक्षितभूमि वह ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 1956 में बौद्ध धर्म स्वीकार किया था। कोविंद के इस दौरे को बौद्ध धर्म और सामाजिक समरसता के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
इस शताब्दी विजयदशमी समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत मुख्य संबोधन देंगे। संघ का यह आयोजन देशभर के स्वयंसेवकों और नेताओं के लिए एक प्रेरणादायक अवसर माना जा रहा है। इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक और राष्ट्रीय गतिविधियों का आयोजन भी किया गया है, जो संघ की कार्यशैली और आदर्शों को दर्शाती हैं।
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विशेषज्ञों के अनुसार यह आयोजन न केवल संघ की ऐतिहासिक उपलब्धियों को याद करने का अवसर है, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए संगठन की दिशा और रणनीति को भी स्पष्ट करता है। संघ की शताब्दी विजयदशमी समारोह में देशभर के स्वयंसेवक और नागरिक एकत्रित होकर राष्ट्र निर्माण और सामाजिक समरसता के लिए अपने संकल्प को दोहराते हैं।
समारोह का लाइव प्रसारण सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर किया जा रहा है, ताकि लोग सीधे कार्यक्रम को देख सकें और संघ की गतिविधियों का अनुभव कर सकें।
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