नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, जुलाई माह में सऊदी अरब और भारत रूस के ईंधन तेल (Fuel Oil) के सबसे बड़े खरीदार रहे। लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप (LSEG) के आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर, तुर्की और सेनेगल भी पिछले महीने रूसी ईंधन तेल और वैक्यूम गैस ऑयल (VGO) के प्रमुख गंतव्यों में शामिल रहे। यह स्थिति ऐसे समय में देखी जा रही है जब पश्चिमी देशों ने रूस पर ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित प्रतिबंध लगाए हैं, जिसके बाद रूस ने एशियाई और अफ्रीकी बाजारों की ओर अपना निर्यात बढ़ाया है।
विश्लेषकों का कहना है कि भारत और सऊदी अरब जैसे देशों ने रूस से सस्ता ईंधन तेल खरीदकर अपनी घरेलू ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और औद्योगिक लागत कम करने की रणनीति अपनाई है। ईंधन तेल का उपयोग मुख्य रूप से बिजली उत्पादन, औद्योगिक बॉयलरों और जहाजरानी उद्योग में होता है।
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आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में रूस से कुल ईंधन तेल और VGO के निर्यात का बड़ा हिस्सा इन्हीं देशों की ओर गया। यह ट्रेंड यह भी दर्शाता है कि वैश्विक ऊर्जा व्यापार में प्रतिबंधों के बावजूद रूस नए खरीदारों के साथ अपनी आपूर्ति बनाए रखने में सफल रहा है।
ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह रुझान जारी रहता है, तो भारत और सऊदी अरब की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी और रूस को भी अपने राजस्व स्रोतों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी।
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