सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों की केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में प्रतिनियुक्ति को “क्रमिक रूप से घटाने” के अपने पूर्व आदेश को चुनौती दी गई थी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने 28 अक्टूबर को दिए आदेश में कहा, “वर्तमान याचिका 23 मई 2025 को पारित निर्णय की समीक्षा के लिए दायर की गई है। हमने पुनर्विचार याचिका और उससे संबंधित सभी दस्तावेजों का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया है और यह संतुष्टि प्राप्त की है कि उक्त निर्णय की समीक्षा का कोई मामला नहीं बनता। अतः पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है।”
सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व आदेश में केंद्र को निर्देश दिया था कि सीएपीएफ में प्रतिनियुक्त आईपीएस अधिकारियों की संख्या धीरे-धीरे घटाई जाए ताकि बलों के भीतर से पदोन्नति और नेतृत्व के अवसर बढ़ सकें। यह फैसला उस याचिका के बाद आया था जिसमें कहा गया था कि सीएपीएफ में वरिष्ठ नेतृत्व पदों पर बाहरी अधिकारियों की तैनाती बलों की स्वायत्तता और कैरियर प्रगति पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।
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केंद्र सरकार ने तर्क दिया था कि यह आदेश प्रशासनिक व्यवस्था को प्रभावित करेगा और विभिन्न सुरक्षा बलों के बीच समन्वय पर असर डालेगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन तर्कों को अस्वीकार कर दिया।
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