भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अमेरिकी हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट के खिलाफ अपनी जांच को तेज कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब अधिकारियों को पता चला कि प्रारंभिक जांच में उपलब्ध डेटा पर्याप्त नहीं था और लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
सूत्रों के अनुसार, SEBI ने जेन स्ट्रीट की ट्रेडिंग प्रथाओं की गहन समीक्षा के लिए अपील दायर की है और आवश्यक दस्तावेजों की मांग की है। अधिकारियों का मानना है कि पहले किए गए जांच में "अपर्याप्त डेटा" का उपयोग किया गया था, जिससे निष्कर्ष पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सके।
जेन स्ट्रीट एक अमेरिकी हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग फर्म है, जो बेहद तेज गति से वित्तीय लेनदेन करती है। ऐसे व्यापार में सेकेंडों के अंश में सौदे किए जाते हैं, और गलत ट्रेडिंग प्रथाओं का पता लगाना चुनौतीपूर्ण होता है। SEBI की जांच का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि फर्म की गतिविधियां नियमों और विनियमों के अनुरूप हों।
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अधिकारियों ने कहा कि शिकायतें लगातार मिलने और डेटा की अपर्याप्तता के कारण बोर्ड ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच प्रक्रिया को और तेज कर दिया। दस्तावेजों की मांग से SEBI को फर्म की ट्रेडिंग रणनीतियों और लेन-देन के विवरण तक पहुंच मिलेगी, जो जांच को अधिक पारदर्शी और सटीक बनाने में मदद करेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि SEBI का यह कदम वित्तीय बाजारों की पारदर्शिता और निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग फर्में भारतीय बाजार में नियमों का पालन करें और किसी भी अनियमित गतिविधि से निवेशकों को नुकसान न पहुंचे।
कुल मिलाकर, SEBI की यह कार्रवाई भारतीय वित्तीय बाजार की निगरानी और नियमन में उसकी सक्रियता को दर्शाती है और निवेशकों के विश्वास को बनाए रखने के लिए अहम है।
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