तमिलनाडु की राजनीति में हलचल पैदा करते हुए, एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री के.ए. सेंगोट्टैयन ने पार्टी में एकता बहाल करने के लिए 10 दिन की समयसीमा तय कर दी है।
सेंगोट्टैयन, जो नौ बार विधायक रह चुके हैं, ने कहा कि पार्टी के महासचिव एडप्पडी के. पलानीस्वामी (ईके पलानीस्वामी) को यह तय करने का अधिकार है कि किन नेताओं की वापसी हो सकती है। लेकिन उन्होंने जोर दिया कि वे नेता, जिन्होंने अतीत में पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई थीं, उन्हें अवश्य पुनः स्थापित किया जाना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समयसीमा के भीतर इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई नहीं होती है, तो समान विचारधारा वाले नेता आपस में मिलकर एकता प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।
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यह बयान ऐसे समय आया है जब एआईएडीएमके आंतरिक मतभेदों से जूझ रही है। पार्टी में गुटबाजी और नेतृत्व को लेकर असहमति लंबे समय से बनी हुई है। कई वरिष्ठ नेता पार्टी से अलग-थलग पड़ गए हैं या उन्हें सक्रिय जिम्मेदारियों से दूर कर दिया गया है।
सेंगोट्टैयन का मानना है कि यदि पार्टी को मजबूत बनाना है और भविष्य की राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना है, तो पुराने और अनुभवी नेताओं को पुनः जोड़ा जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एआईएडीएमके की ताकत हमेशा उसकी एकजुटता और अनुशासन रही है, जिसे फिर से स्थापित करने का समय आ गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान ईके पलानीस्वामी पर दबाव बनाने की रणनीति भी हो सकता है। अब देखना होगा कि आने वाले 10 दिनों में पार्टी इस दिशा में क्या कदम उठाती है और क्या एआईएडीएमके में सचमुच एक नई एकता की शुरुआत होती है।
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