तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने रविवार (26 अक्टूबर 2025) को आरोप लगाया कि बीजेपी और एआईएडीएमके की रणनीति आगामी विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए कार्यकर्ता वर्ग, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और महिला मतदाताओं के नाम वोटर सूची से हटाने की है। उन्होंने कहा कि यह काम भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के माध्यम से किया जा रहा है।
स्टालिन ने अपने बयान में कहा, “बीजेपी और एआईएडीएमके में जनता के बीच जाने की ताकत नहीं है, इसलिए वे लोगों को उनके मतदान अधिकार से वंचित करने की साजिश कर रहे हैं। लेकिन तमिलनाडु में उनकी यह गणना गलत साबित होगी।”
मुख्यमंत्री ने डीएमके पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे प्रस्तावित SIR प्रक्रिया पर बारीकी से नजर रखें और सुनिश्चित करें कि किसी भी मतदाता का नाम अनुचित रूप से हटाया न जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर निर्वाचन आयोग इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है, तो पार्टी कानूनी कदम उठाएगी।
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स्टालिन का यह बयान ऐसे समय आया है जब तमिलनाडु में राजनीतिक माहौल 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में गर्म हो रहा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि केंद्र सरकार समर्थित नीतियाँ राज्य में मतदाता आधार को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं, जबकि बीजेपी और एआईएडीएमके ने इन आरोपों को खारिज किया है।
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