सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (27 अक्टूबर, 2025) को 2020 दिल्ली दंगों की कथित बड़ी साजिश से जुड़े मामले में  शरजील इमाम, जेएनयू के पूर्व शोधार्थी उमर खालिद और अन्य तीन अभियुक्तों की ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई 31 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।
जस्टिस अरविंद कुमार और एन.वी. अंजारिया की पीठ ने यह फैसला तब लिया जब दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा।
हालांकि, पीठ ने कहा कि पुलिस को पहले ही पर्याप्त समय दिया जा चुका है। न्यायालय ने कहा, “आप भले ही पहली बार पेश हो रहे हैं, लेकिन हमने पहले ही पर्याप्त समय दे दिया है।” न्यायाधीशों ने यह भी टिप्पणी की कि ज़मानत याचिकाओं में विस्तृत जवाब दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होती।
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2 सितंबर को उमर खालिद और शरजील इमाम सहित नौ अभियुक्तों की ज़मानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि “नागरिकों द्वारा प्रदर्शनों या विरोध के नाम पर साजिशपूर्ण हिंसा को अनुमति नहीं दी जा सकती।”
इन सभी अभियुक्तों पर गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम — यूएपीए — और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का आरोप है कि ये लोग फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के “मास्टरमाइंड” थे, जिनमें 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।
 
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