सुप्रीम कोर्ट ने आतंकी फंडिंग से जुड़े एक अहम मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जवाब मांगा है। यह मामला शाह आतंकी फंडिंग केस से जुड़ा हुआ है, जिसने हाल के वर्षों में राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित बहस को और गहरा कर दिया है। अदालत ने NIA से विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि अब तक जांच किस स्तर तक पहुंची है और आगे की कार्यवाही की क्या योजना है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि मामले की जांच में देरी हो रही है और इसका असर न केवल न्यायिक प्रक्रिया पर बल्कि देश की सुरक्षा पर भी पड़ सकता है। उनका तर्क है कि आरोप गंभीर हैं और इनमें आतंकवादी नेटवर्क से कथित वित्तीय संबंध शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई बेहद आवश्यक है। अदालत ने NIA को निश्चित समयसीमा में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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NIA की ओर से केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा गया कि जांच निष्पक्ष और साक्ष्यों के आधार पर आगे बढ़ रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही अदालत को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
यह मामला एक बार फिर इस बात को रेखांकित करता है कि भारत में आतंकी फंडिंग के खिलाफ लड़ाई कितनी जटिल और संवेदनशील है। सुप्रीम कोर्ट की इस सक्रियता को विशेषज्ञ न्याय व्यवस्था को और मजबूत करने वाला कदम मान रहे हैं।
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