कांग्रेस ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का SIR (संवेदनशील निर्वाचन रजिस्टर) पर आदेश लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है। शीर्ष न्यायालय ने आदेश दिया है कि मशीन-पठनीय मतदाता सूची उपलब्ध कराई जाए और पहचान व निवास प्रमाण के रूप में आधार कार्ड को मान्यता दी जाए। इस फैसले को राहुल गांधी की मांगों के अनुरूप बताया गया है।
कांग्रेस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय मतदाता अधिकारों को सुरक्षित करने और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मशीन-पठनीय मतदाता सूची से मतदाता अपनी जानकारी आसानी से जांच सकेंगे और त्रुटियों की पहचान कर सकते हैं। इसके साथ ही आधार को पहचान और निवास प्रमाण के रूप में मान्यता मिलने से वोटर पंजीकरण प्रक्रिया सरल और सहज होगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह आदेश उनके द्वारा उठाई गई मांगों के सही ठहराव को दर्शाता है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे बिहार में 17 अगस्त से ‘वोट अधिकार यात्रा’ का नेतृत्व करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य लोगों को उनके मतदाता अधिकारों और मतदान के महत्व के प्रति जागरूक करना है।
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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में निर्णायक कदम है। इससे मतदाता अधिकारों की रक्षा होगी और चुनाव प्रक्रिया में विश्वास बढ़ेगा।
कुल मिलाकर, SIR पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश न केवल कांग्रेस की मांगों को सही साबित करता है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में मतदाता अधिकारों की सुरक्षा और पारदर्शिता को भी मजबूत करता है।
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