सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि हाईवे पर चलते वाहन को अचानक बीच सड़क पर रोकना या ब्रेक लगाना लापरवाही माना जाएगा। यह कदम अन्य वाहनों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है और इसे सही ठहराया नहीं जा सकता, भले ही चालक ऐसा किसी व्यक्तिगत आपात स्थिति में करे।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और अरविंद कुमार की पीठ ने यह टिप्पणी एक मामले की सुनवाई के दौरान की। अदालत ने कहा कि हाईवे पर वाहन की गति सामान्य सड़कों की तुलना में अधिक होती है, ऐसे में अचानक रुकना पीछे आने वाले वाहनों के लिए बड़ा खतरा है।
पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करना हर चालक की जिम्मेदारी है। व्यक्तिगत कारणों या आपात स्थिति का हवाला देकर दूसरों की जान को जोखिम में डालना कानूनन गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि आपात स्थिति उत्पन्न हो, तो चालक को वाहन को सावधानीपूर्वक किनारे लगाना चाहिए या अन्य सुरक्षित उपाय अपनाने चाहिए।
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यह फैसला सड़क सुरक्षा से जुड़े मामलों में एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस निर्णय से सड़क हादसों में कमी लाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि अचानक ब्रेक लगने से होने वाली टक्करें अक्सर गंभीर हादसों का कारण बनती हैं।
अदालत ने अंत में कहा कि सभी वाहन चालकों को यह समझना चाहिए कि सड़क पर उनकी लापरवाही न केवल उनकी बल्कि अन्य लोगों की जान के लिए भी खतरा बन सकती है।
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