भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्य कांत ने शुक्रवार (19 दिसंबर, 2025) को कहा कि सुप्रीम कोर्ट में क्रिसमस और नववर्ष की छुट्टियों के पहले दिन यानी 22 दिसंबर को तत्काल मामलों की सुनवाई के लिए वह स्वयं पीठ की अध्यक्षता करने को तैयार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल बेहद जरूरी मामलों की ही सुनवाई की जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति विपुल एम. पंचोली शामिल थे, तत्काल मामलों की सूचीबद्धता पर सुनवाई कर रही थी। इस दौरान पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री मामलों की वास्तविक तात्कालिकता की जांच करेगी और उसी के आधार पर उन्हें सूचीबद्ध किया जाएगा।
CJI सूर्य कांत ने कहा, “हम सोमवार (22 दिसंबर, 2025) को बैठेंगे। हम अन्य न्यायाधीशों पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहते, जिन्हें रात देर तक फाइलें पढ़नी पड़ती हैं। मैं किसी अन्य पीठ को परेशान नहीं करूंगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि रजिस्ट्री यह तय करेगी कि मामला कितना जरूरी है और उसी के अनुसार सुनवाई के लिए सूची तैयार की जाएगी।
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मुख्य न्यायाधीश ने यह भी स्पष्ट किया कि यह तय नहीं है कि 22 दिसंबर को एक पीठ बैठेगी या दो। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कितने तत्काल मामले सामने आते हैं। उन्होंने कहा, “मामलों की संख्या के आधार पर पीठ के गठन को लेकर उपयुक्त आदेश पारित किए जाएंगे।”
इसके अलावा, CJI की अध्यक्षता वाली पीठ ने उन जूनियर वकीलों से भी कहा, जो अपने मामलों को तत्काल सूचीबद्ध कराने का आग्रह कर रहे थे, कि वे 22 दिसंबर को स्वयं अपने मामलों की दलीलें पेश करें। एक जूनियर वकील से CJI ने कहा, “हम इस मामले की सुनवाई सोमवार को तभी करेंगे, जब आप स्वयं अपनी दलीलें रखेंगे।”
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट 22 दिसंबर 2025 से 2 जनवरी 2026 तक क्रिसमस और नववर्ष की छुट्टियों के कारण बंद रहेगा। ऐसे में 22 दिसंबर को केवल अत्यावश्यक मामलों की ही सुनवाई संभावित है।
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