तमिलनाडु सरकार ने राज्य में रक्षा परीक्षण और मूल्यांकन परियोजनाओं को वर्ष 2025 तक तेज गति से पूरा करने की योजना बनाई है। यह कदम राज्य को भारत के प्रमुख रक्षा विनिर्माण और परीक्षण केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राज्य सरकार के अनुसार, कई रणनीतिक परियोजनाएँ पहले ही विभिन्न चरणों में प्रगति पर हैं और इनके समय से पहले पूरा होने की संभावना है। इन परियोजनाओं में रक्षा परीक्षण अवसंरचना का निर्माण, उन्नत उपकरणों की स्थापना और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है।
तमिलनाडु ने पहले ही डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के माध्यम से घरेलू और विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है। अब इन परीक्षण परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन से न केवल स्थानीय उद्योगों को लाभ मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
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अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने केंद्र के सहयोग से परियोजनाओं की स्वीकृति और कार्यान्वयन की प्रक्रियाओं को सरल बनाया है। साथ ही, समयबद्ध निगरानी के लिए विशेष समितियाँ गठित की गई हैं। राज्य का लक्ष्य है कि 2025 तक सभी प्रमुख रक्षा परीक्षण सुविधाएँ पूरी तरह कार्यशील हो जाएँ।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन प्रयासों से तमिलनाडु का योगदान देश की रक्षा क्षमताओं में और मजबूत होगा तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को गति मिलेगी।
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