बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक बार फिर तेज प्रताप यादव ने सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने महुआ विधानसभा क्षेत्र से अपने चुनावी नामांकन दाखिल करते समय अपनी दादी की तस्वीर अपने साथ रखी। यह कदम तेज प्रताप यादव के व्यक्तिगत और पारिवारिक जुड़ाव को दर्शाता है और उनके समर्थकों के लिए एक भावनात्मक संदेश भी माना जा रहा है।
तेज प्रताप यादव, जो पिछले छह वर्षों से RJD से निष्कासित थे, ने अब जनशक्ति जनता दल (Janshakti Janata Dal) की स्थापना की है। पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अब तक 20 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। यह स्पष्ट संकेत है कि तेज प्रताप यादव बिहार में अपनी राजनीतिक उपस्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं और अपने समर्थकों के बीच एक अलग राजनीतिक पहचान बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप का यह कदम उनकी राजनीतिक वापसी और भावनात्मक संदेश दोनों को जोड़ने वाला प्रयास है। दादी की तस्वीर साथ रखना उनके परिवार और परंपरा के प्रति सम्मान का प्रतीक भी माना जा रहा है।
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इसके अलावा, Janshakti Janata Dal का मैदान में सक्रिय होना बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में कई नई गतिशीलताओं को जन्म दे सकता है। यह छोटे और मध्यम राजनीतिक दलों के लिए अवसर और चुनौती दोनों प्रस्तुत करता है।
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि तेज प्रताप यादव ने न केवल चुनावी मैदान में कदम रखा है, बल्कि अपनी राजनीतिक विरासत और पारिवारिक प्रतीकों के माध्यम से अपने संदेश को और अधिक प्रभावशाली बनाने का प्रयास किया है।
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