बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने व्यापक समीक्षा बैठक आयोजित की, जिसमें नए चुने गए विधायकों और उन उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया जिन्होंने इस चुनाव में भाग लिया था। यह बैठक पार्टी के नेता तेजस्वी यादव के पटना स्थित सरकारी आवास पर हुई।
इसी दौरान RJD के भीतर परिवारिक विवाद भी चर्चा में रहा। पार्टी संस्थापक लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने भाई और राजद नेता तेजस्वी यादव के कुछ करीबी सहयोगियों पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिससे पार्टी के अंदर तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।
इन सबके बीच, नए चुने गए RJD विधायकों ने सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को राजद विधायक दल का नेता चुन लिया। इससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी नेतृत्व तेजस्वी पर भरोसा बनाए हुए है और आगामी राजनीतिक दिशा में उन्हें ही नेतृत्व देने की इच्छा रखता है।
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समीक्षा बैठक में चुनावी हार के कारणों पर विस्तृत चर्चा की गई। कई स्थानीय नेताओं ने इस बात पर नाराज़गी जताई कि उन्हें टिकट वितरण के दौरान नजरअंदाज किया गया था। बैठक में यह भी माना गया कि टिकट चयन, उम्मीदवारों की छंटनी और जमीनी स्तर के समीकरणों को लेकर कई गंभीर गलतियाँ हुईं, जिनका सीधा असर चुनावी प्रदर्शन पर पड़ा।
पार्टी नेताओं ने यह भी कहा कि संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और स्थानीय स्तर पर असंतोष खत्म करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने होंगे। यह स्पष्ट किया गया कि आने वाले समय में टिकट वितरण और उम्मीदवार चयन में पारदर्शिता और संगठन की राय को प्राथमिकता दी जाएगी।
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