तेज़पुर विश्वविद्यालय में उपजे संकट ने रविवार (7 दिसंबर 2025) को नया मोड़ ले लिया जब छात्रों, शिक्षकों और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों ने घोषणा की कि कुलपति शंभु नाथ सिंह को हटाने संबंधी केंद्र सरकार का औपचारिक आदेश मिलने तक विश्वविद्यालय पूरी तरह बंद रहेगा। सितंबर मध्य से कुलपति पर कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों को लेकर विरोध जारी है।
शनिवार दोपहर से रविवार तड़के तक परिसर में तनावपूर्ण स्थिति रही। शिक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों का दल, सचिव विनीत जोशी के नेतृत्व में, विश्वविद्यालय पहुंचा था। लेकिन आंदोलनकारियों ने उन्हें परिसर से बाहर नहीं निकलने दिया और टीम रात करीब तीन घंटे वाहनों में फंसी रही। अंततः उच्च शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव सौम्या गुप्ता ने एक खाली कागज पर लिखित आश्वासन दिया कि कुलपति के खिलाफ “कड़े और समयबद्ध” जांच पूरी होने तक वे किसी भी प्रशासनिक भूमिका में नहीं रहेंगे।
तेज़पुर यूनिवर्सिटी यूनाइटेड फोरम (TUUF) के बैनर तले लगातार 79 दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी है। फोरम ने कहा कि मंत्रालय से मिला यह अनौपचारिक लिखित आश्वासन प्रारंभिक कदम है, लेकिन जब तक औपचारिक अधिसूचना जारी नहीं होती, विरोध जारी रहेगा।
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29 नवंबर से विश्वविद्यालय में सभी गतिविधियाँ—कक्षाएं, परीक्षाएं और प्रशासनिक कार्य—अनिश्चितकाल के लिए बंद हैं। प्रशासन को एंड-टर्म परीक्षाएं भी रद्द करनी पड़ीं।
शनिवार शाम को बड़ी संख्या में महिलाएं मुख्य द्वार पर बैठ गईं और पुलिस को अंदर आने से रोका। मंत्री स्तरीय दल को मुक्त कराने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त महिला पुलिसकर्मी नहीं थे।
सचिव विनीत जोशी ने कहा कि छात्रों और शिक्षकों से हुई चर्चा सकारात्मक रही और मंत्रालय सभी तथ्यों का अध्ययन कर उचित कदम उठाएगा। UGC अध्यक्ष, दो संयुक्त सचिव और जिला प्रशासन के अधिकारी आंदोलनकारियों से बातचीत में शामिल थे।
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने बताया कि वरिष्ठतम प्रोफेसर ध्रुब कुमार भट्टाचार्य को कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया गया है।
परिसर में तनाव सितंबर से जारी है, जब छात्रों ने आरोप लगाया था कि कुलपति ने दिवंगत सांस्कृतिक आइकन जुबिन गर्ग के प्रति ‘अनुचित व्यवहार’ किया था।
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