ठगे गए वरिष्ठ नागरिकों को मुआवज़ा दे तमिलनाडु सरकार: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने एक अहम निर्देश में कहा है कि यदि तमिलनाडु पुलिस ठगी के शिकार वरिष्ठ नागरिकों की गुम हुई संपत्ति या कीमती सामान वापस नहीं करा पाती है, तो राज्य सरकार को उन्हें मुआवज़ा देना होगा।
न्यायमूर्ति डी. भरत चक्रवर्ती ने अपने आदेश में कहा कि उन्होंने केवल न्यूनतम मुआवज़े का सुझाव दिया है, जबकि सरकार चाहे तो इससे अधिक राशि तय कर सकती है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा करना राज्य सरकार और पुलिस दोनों की जिम्मेदारी है।
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अदालत के अनुसार, वरिष्ठ नागरिक अक्सर धोखाधड़ी और ठगी का आसान शिकार बन जाते हैं, ऐसे में पुलिस को उनके मामलों की जांच में तेजी दिखानी होगी और अपराधियों को पकड़कर गुमशुदा संपत्ति बरामद करनी होगी। यदि ऐसा संभव नहीं हो पाता है, तो सरकार को न्यायोचित आर्थिक राहत प्रदान करनी होगी।
न्यायमूर्ति ने कहा, “मैंने केवल एक न्यूनतम मुआवज़े का सुझाव दिया है, सरकार चाहे तो इसे और बढ़ा सकती है। यह केवल पीड़ितों को राहत देने का एक कदम है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि यह आदेश वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सरकार और पुलिस दोनों के लिए चेतावनी है और इससे भविष्य में ठगी के मामलों में लापरवाही कम हो सकती है।
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