सुप्रीम कोर्ट में आज कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई हुई, जिनमें बिहार SIR विवाद और स्ट्रे डॉग समस्या शामिल थे।
बिहार SIR (Special Inclusion/Exclusion Registry) के खिलाफ दायर याचिकाओं में अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि सीमित कवर वाले दस्तावेजों के कारण कई योग्य मतदाता सूची से बाहर हो रहे हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यह प्रक्रिया बहिष्करणकारी है और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने इस पर ध्यान देने और मामले को गंभीरता से विचार करने का संकेत दिया। अदालत ने कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मतदाता सूची में किसी भी नागरिक को गलती से बाहर न रखा जाए और सभी योग्य मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग कर सकें।
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एक अन्य मामले में, CJI ने देश में बढ़ते स्ट्रे डॉग (अनाथ कुत्तों) समस्या को सूचीबद्ध करने पर विचार करने का संकेत दिया। अदालत ने कहा कि इस मुद्दे से जुड़ी सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इसके अलावा, अदालत ने विभिन्न अन्य मामलों पर भी संक्षिप्त सुनवाई की, जिनमें नागरिक अधिकार, पर्यावरण संरक्षण और राज्य प्रशासनिक मामलों से जुड़े मसले शामिल थे।
विशेषज्ञों के अनुसार, आज की सुनवाई ने यह स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट न केवल संवैधानिक मुद्दों पर बल्कि समाज में बढ़ती चुनौतियों और जनहित के मामलों पर भी सक्रिय दृष्टिकोण रखता है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने पक्षकारों से आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने और मामलों को शीघ्र निष्पादन की प्रक्रिया में लाने का निर्देश दिया। इससे यह संकेत मिलता है कि उच्चतम न्यायालय जनहित और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा में तत्पर है।
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