अमूल के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने कहा है कि डेयरी उत्पादों पर उच्च आयात शुल्क लगाने वाला भारत नहीं, बल्कि अमेरिका है। बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत सभी डेयरी उत्पादों पर 30% का समान आयात शुल्क रखता है, वहीं अमेरिका घी, बटर, चीज़, फ्लेवर्ड मिल्क, क्रीम और श्रीखंड जैसे उत्पादों पर 40% से 75% तक का भारी शुल्क वसूलता है।
मेहता ने बताया कि अमूल 1998 से अमेरिका को निर्यात कर रहा है और वहां की भारतीय डायस्पोरा को घी, बटर, चीज़, आइसक्रीम, श्रीखंड जैसे उत्पादों की बड़ी मांग है। उन्होंने कहा, “अमेरिका भारत को ‘टैरिफ किंग’ कहता है, लेकिन सच्चाई यह है कि वे घी और बटर पर लगभग 50%, चीज़ पर 40%, फ्लेवर्ड मिल्क पर 61%, क्रीम पर 40% और श्रीखंड पर 75% ड्यूटी लगाते हैं। इसके मुकाबले भारत का आयात शुल्क केवल 30% है।”
मेहता के अनुसार, अमेरिका अपने किसानों की सुरक्षा के लिए उच्च शुल्क लगाता है, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलता है और उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। भारत इसके विपरीत अपेक्षाकृत खुली नीति अपनाता है।
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उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के आरसीईपी (क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी) के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि भारत छोटे किसानों, छोटे व्यवसायों और डेयरी उत्पादकों के हितों के साथ समझौता नहीं करेगा। दूध भारत की सबसे बड़ी कृषि फसल है और इस पर 10 करोड़ से अधिक परिवारों की आजीविका निर्भर है। गेहूं, धान और तिलहन की कुल उत्पादन मूल्य से भी अधिक दूध का मूल्य है।
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