चुनाव आयोग (EC) द्वारा नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों, जिनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है, में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) की तारीखों की घोषणा से ठीक पहले राज्य सरकार ने सोमवार को एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल को अंजाम दिया। इसे “अब तक का सबसे बड़ा एकदिवसीय फेरबदल” बताया जा रहा है।
सरकारी आदेश के अनुसार, 64 आईएएस और 457 पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस (WBCS) अधिकारियों का तबादला किया गया है। इनमें 14 जिला अधिकारी (DMs), कई विशेष सचिव, अधिकारी ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD), ब्लॉक विकास अधिकारी (BDO), उपसंभागीय अधिकारी (SDO) और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) शामिल हैं।
राज्य सरकार ने इस कदम को “सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया” बताया है और कहा है कि अधिकांश ज़िलाधिकारी तीन वर्ष से अधिक समय से अपने पद पर कार्यरत थे।
और पढ़ें: चुनाव आयोग की घोषणा से पहले बंगाल सरकार ने 64 अफसरों का तबादला किया, 17 जिलाधिकारी शामिल
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “यह पहले से अपेक्षित था कि SIR की घोषणा के बाद चुनाव आयोग उन ज़िलाधिकारियों को हटा देगा जो तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही जिले में कार्यरत हैं। इसलिए विवाद से बचने के लिए राज्य प्रशासन ने पहले ही तबादले कर दिए।”
हालांकि, भाजपा ने इस आदेश का विरोध करते हुए चुनाव आयोग से इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की है। विपक्ष का आरोप है कि यह कदम आगामी मतदाता सूची पुनरीक्षण और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
और पढ़ें: राज्य अस्पतालों में यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बाद ममता बनर्जी ने दिए कड़े सुरक्षा निर्देश