उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में जंगली हाथियों के मानव बस्तियों में घुसने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष को लेकर चिंताएं और गहरी होती जा रही हैं। ताज़ा घटना में राजाजी नेशनल पार्क के जंगलों के किनारों से अचानक छह हाथियों का झुंड बाहर आया और हरिद्वार-लक्सर हाईवे पर पहुँच गया, जिसके कारण कुछ मिनटों तक यातायात पूरी तरह ठप रहा।
घटना के दौरान वाहनों को तुरंत रोका गया और लोग सड़क किनारे हटकर खड़े हो गए। हाथियों का समूह एक लाइन में सड़क से गुजरते हुए बंद दुकानों के सामने से होकर आवासीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है। कुछ लोगों ने वाहनों की हेडलाइट्स चमकाकर हाथियों को आगे बढ़ने का संकेत देने की कोशिश की। जबकि झुंड के अधिकतर हाथी खेतों की तरफ बढ़ गए, एक हाथी काफी देर तक सड़क पर ही खड़ा रहा और बाद में धीरे-धीरे आगे बढ़ा।
उत्तराखंड में मानव-हाथी संघर्ष कोई नई समस्या नहीं है। भोजन की तलाश में हाथियों का जंगल छोड़कर खेतों में घुसना आम बात हो गई है, जहाँ वे फसलों को खा भी जाते हैं और रौंद भी देते हैं। वन विभाग की ओर से कई उपाय किए जाने के बावजूद इन घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाना चुनौती बना हुआ है, जिससे ग्रामीण इलाकों के लोग हमेशा खतरे की आशंका में रहते हैं।
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पिछले महीने ऋषिकेश के पास एक दर्दनाक घटना में एक जंगली हाथी ने 12 वर्षीय बच्चे की जान ले ली थी। बच्चा अपने माता-पिता के साथ स्कूटर पर कालीवाला जंगल मार्ग से घर लौट रहा था, तभी हाथी ने उन पर हमला कर दिया। उसने अपनी सूंड से बच्चे को उठाकर कई बार ज़मीन पर पटक दिया। घायल बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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