जम्मू-कश्मीर के डोडा ज़िले में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन से पब्लिक सेफ़्टी एक्ट (PSA) हटाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर नारेबाज़ी की और कहा कि विधायक की गिरफ्तारी लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।
मेहराज मलिक को एक दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी उस विवादित बयान के बाद हुई, जिसमें उन्होंने डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। यह बयान स्थानीय बकाया भुगतान को लेकर हुई बहस के दौरान सामने आया। इसके बाद प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें PSA के तहत हिरासत में ले लिया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और विधायक को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि PSA नहीं हटाया गया, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला न केवल राजनीतिक विवाद को गहराता है, बल्कि क्षेत्र में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच बढ़ते तनाव को भी उजागर करता है। आम जनता भी इस मामले में बंट गई है—कुछ लोग विधायक की भाषा और व्यवहार को गलत बता रहे हैं, जबकि अन्य उनके पक्ष में खड़े होकर प्रशासन को दोषी मान रहे हैं।
यह घटनाक्रम आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिति और भी गर्मा सकता है।
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