भारतीय सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी रूस के लिए रवाना हो गई है, जहाँ वह बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘जपाद 2025’ में हिस्सा लेगी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास 10 से 16 सितंबर 2025 तक आयोजित किया जाएगा। इस अभ्यास का उद्देश्य सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना, विभिन्न सेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी (परस्पर संचालन क्षमता) को सुधारना और प्रतिभागी देशों को रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करना है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अभ्यास में भारत समेत कई देशों की सेनाएँ शामिल होंगी और यह अभ्यास पारंपरिक युद्ध और आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित रहेगा। ‘जपाद 2025’ में हिस्सा लेने से भारतीय सेना को न केवल अपनी सामरिक क्षमताओं को परखने का अवसर मिलेगा, बल्कि उसे अन्य देशों की सेनाओं के अनुभव और आधुनिक युद्ध तकनीकों से भी सीखने का मौका मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के सैन्य अभ्यास वैश्विक स्तर पर सुरक्षा सहयोग और विश्वास निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही, यह अभ्यास भारत की बढ़ती रक्षा साझेदारी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी सक्रिय भूमिका को भी दर्शाता है।
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भारतीय सेना की इस भागीदारी को क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह भारत की आतंकवाद-रोधी रणनीति को और मजबूत करने के साथ-साथ रक्षा कूटनीति में उसकी स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा।
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