बीजू जनता दल (बीजद) प्रमुख और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अचानक दिल्ली यात्रा ने राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि यह यात्रा आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी रणनीति का हिस्सा हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार, पटनायक की इस यात्रा के दौरान वे कई केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि, बीजद ने आधिकारिक रूप से इसे ‘सामान्य राजनीतिक दौरा’ बताया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि पटनायक की मौजूदगी राष्ट्रीय स्तर पर नए राजनीतिक समीकरणों का संकेत देती है।
गौरतलब है कि बीजद ने अतीत में कई बार राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों में सत्ता पक्ष का समर्थन किया है। पार्टी का रुख हमेशा संतुलित माना गया है और अक्सर उसने विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई है। इस बार भी उम्मीद जताई जा रही है कि बीजद की भूमिका अहम साबित हो सकती है, क्योंकि संसद में उसकी संख्याबल निर्णायक स्थिति में है।
और पढ़ें: उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष करेगा सांसदों का प्रशिक्षण सत्र
विश्लेषकों का कहना है कि अगर पटनायक एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करते हैं तो यह चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकता है। वहीं, विपक्ष भी बीजद को अपने पाले में लाने की कोशिश करेगा।
पटनायक की यात्रा ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वे खुद भी राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं, या फिर केवल पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए रणनीतिक कदम उठा रहे हैं।
कुल मिलाकर, उनकी यह यात्रा न सिर्फ दिल्ली की राजनीतिक हलचल बढ़ा रही है, बल्कि उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी नए सस्पेंस का माहौल बना रही है।
और पढ़ें: हमारी साझा संस्कृति की रक्षा की लड़ाई है यह चुनाव: उपराष्ट्रपति चुनाव पर वामपंथी दल