महाराष्ट्र में हिंगोली नगर परिषद चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के दो सहयोगी दल—बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना—के बीच तनाव खुलकर सामने आ गया है। बीजेपी विधायक तानाजी मुतकुले ने शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संतोष बंगार पर मतदाताओं को धनबल और अन्य लालच देकर प्रभावित करने का गंभीर आरोप लगाया है।
यह आरोप उन्होंने गुरुवार (27 नवंबर 2025) को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में हिंगोली में आयोजित एक चुनावी रैली में लगाया। मुतकुले ने दावा किया कि बंगार ने अपने भाई को नगर परिषद प्रमुख पद के लिए टिकट दिया है और वोटरों को लुभाने के लिए पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया, “वह प्रति वोट ₹5,000 की गिनती कर रहे हैं और कुछ इलाकों में मटन-चिकन बांटने का वादा कर रहे हैं।”
यह विवाद उस समय और गहरा गया जब मुतकुले ने इससे कुछ घंटे पहले आरोप लगाया कि 2022 में शिवसेना विभाजन के दौरान बंगार ने ठाकरे गुट से शिंदे गुट में शामिल होने के लिए ₹50 करोड़ लिए थे। संतोष बंगार, जो हिंगोली जिले के कळमनुरी से विधायक हैं, ने इन आरोपों को तुरंत खारिज करते हुए मुतकुले पर “गलत कार्यों में लिप्त” होने का पलटवार किया।
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हिंगोली क्षेत्र में विकास के मुद्दे पर बोलते हुए मुतकुले ने कहा कि 2014 में विधायक बनने के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस के सहयोग से सड़कों, ड्रेनेज और झील सौंदर्यीकरण के लिए फंड मिले, जिनका लाभ क्षेत्र को आज भी मिल रहा है।
उधर, महायुति गठबंधन के दोनों सहयोगियों के बीच यह टकराव 2 दिसंबर को होने वाले 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के चुनावों से ठीक पहले राजनीतिक हलचल बढ़ा रहा है। मतगणना 3 दिसंबर को होगी।
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