महाराष्ट्र विधानसभा में एक दिलचस्प राजनीतिक क्षण तब सामने आया जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे को सार्वजनिक रूप से एनडीए में शामिल होने का न्योता दे डाला।
फडणवीस ने कहा, “देखिए उद्धव-जी, 2029 तक हमारा विपक्ष में जाने का कोई स्कोप नहीं है... लेकिन अगर आपको इधर आना है, तो सोचिए... यह आप पर निर्भर करता है... इस पर विचार किया जा सकता है।”
यह टिप्पणी उन्होंने विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के विदाई भाषण के दौरान की, जो उद्धव गुट से आते हैं। उस समय ठाकरे स्वयं भी सदन में मौजूद थे। फडणवीस की इस बात पर सदन में मौजूद एनडीए सहयोगियों ने हँसी और ठहाकों के साथ प्रतिक्रिया दी।
फडणवीस ने आगे कहा, “अंबादास दानवे कहीं भी रहें — सत्ता में या विपक्ष में — लेकिन उनकी विचारधारा वास्तव में दक्षिणपंथी ही है।”
मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का तूफान खड़ा कर दिया है। अब तक अटकलें लगती रही थीं कि क्या बीजेपी और उद्धव गुट फिर से साथ आ सकते हैं। कई मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया था कि बीजेपी की ओर से शिवसेना (उद्धव गुट) को परोक्ष रूप से संकेत भेजे जा रहे हैं। लेकिन यह पहली बार है जब फडणवीस ने सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान दिया है।
अब सबकी निगाहें ठाकरे की प्रतिक्रिया और महाराष्ट्र की राजनीति में संभावित समीकरणों पर टिकी हैं।