जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने आशंका जताई है कि केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा वापस नहीं मिल सकता क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल करने में असफल रही।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी थी जिसने खुले तौर पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर इस मुद्दे को टाल रही है और लोगों को गुमराह कर रही है।
उन्होंने कहा, “जब सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, तो अब इसमें देरी क्यों हो रही है? क्या इसलिए क्योंकि भाजपा को विधानसभा चुनावों में जनता का समर्थन नहीं मिला?”
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अब्दुल्ला ने आगे कहा कि भाजपा जम्मू-कश्मीर की जनता की आकांक्षाओं के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि क्षेत्र की सभी प्रमुख पार्टियां राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रही हैं, लेकिन भाजपा इस मुद्दे को दबाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र की असली परीक्षा तभी होगी जब जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाएगा और यहां निर्वाचित विधानसभा काम करेगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उमर अब्दुल्ला का यह बयान आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर की राजनीति में नए सिरे से बहस को जन्म दे सकता है। यह भी माना जा रहा है कि राज्य के दर्जे की बहाली को लेकर दबाव धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा।
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