बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए नोटिस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यह नोटिस उन्हें दो अलग-अलग EPIC (मतदाता पहचान पत्र) नंबर रखने के आरोप में भेजा गया है। तेजस्वी ने कहा कि यह गलती चुनाव आयोग की है और इसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराना अनुचित और राजनीति से प्रेरित है।
तेजस्वी यादव ने कहा, "मुझे दो EPIC नंबर मिल गए, जो पूरी तरह से चुनाव आयोग की प्रणाली की त्रुटि है। लेकिन इसके लिए मुझे नोटिस देकर ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे गलती मेरी हो।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके वकील और टीम इस नोटिस का “बेहद ठोस जवाब” तैयार कर रही है, जिसे भेजने के बाद आयोग के पास “कुछ कहने को नहीं बचेगा।”
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यह नोटिस पिछले सप्ताह जारी किया गया था। चुनाव आयोग की नजर में दो मतदाता पहचान पत्र रखना कानूनन गलत है और इसे चुनावी अनियमितता माना जाता है। तेजस्वी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए यह भी कहा कि यह सब एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है ताकि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।
तेजस्वी यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि वे कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और सभी कानूनी प्रक्रिया के अनुसार जवाब देंगे।
इस घटनाक्रम ने बिहार की राजनीति में नई बहस को जन्म दे दिया है, खासकर चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और तकनीकी पारदर्शिता को लेकर।
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