ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) में जारी संकट और विलंबित इंडियन सुपर लीग (ISL) के आयोजन पर पैदा हुई अनिश्चितता के बीच, केंद्र सरकार ने सक्रिय हस्तक्षेप करते हुए सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि लीग निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाएगी। गुरुवार, 20 नवंबर 2025 को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने AIFF और ISL से जुड़े हालिया विवादों और चुनौतियों का पूरा संज्ञान लिया है और खिलाड़ियों तथा क्लबों के हितों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति पामीडिघंटम श्री नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची की पीठ के समक्ष पेश होते हुए कहा कि खिलाड़ियों या क्लबों को किसी भी तरह की हानि नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने विशेष रूप से यह स्पष्ट किया कि प्रायोजकों की कमी या क्लब मालिकों के पीछे हटने जैसी परिस्थितियों के बावजूद सरकार सुनिश्चित करेगी कि पूरे सिस्टम में कोई व्यवधान न आए और आईएसएल सीजन सुचारू रूप से आगे बढ़े।
उन्होंने कहा कि केंद्र विभिन्न हितधारकों के साथ लगातार संपर्क में है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि भारतीय फुटबॉल की साख पर कोई आंच न आए। कोर्ट को बताया गया कि लीग की तैयारी, वित्तीय संरचना और खिलाड़ियों के अनुबंधों को स्थिर रखने के लिए कई वैकल्पिक उपाय भी तैयार किए जा रहे हैं। सरकार ने यह भी संकेत दिया कि खिलाड़ियों की सुरक्षा, भुगतान और टीम संचालन को प्रभावित करने वाले हर मुद्दे की निगरानी की जा रही है।
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के आश्वासन पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि खेल और खिलाड़ियों का भविष्य किसी भी तरह के प्रबंधनगत विवाद का शिकार नहीं होना चाहिए। अदालत ने AIFF को भी निर्देश दिया कि वह सभी प्रशासनिक और संगठनात्मक जिम्मेदारियों को समय पर पूरा करे।
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