भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को हाल ही में एक विकेट लेने के बाद "उत्साह में मनाए गए जश्न" के लिए ICC द्वारा सज़ा दिए जाने पर क्रिकेट जगत में बहस छिड़ गई है। इस फैसले को लेकर पूर्व इंग्लैंड कप्तान नासिर हुसैन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की तीखी आलोचना की है।
हुसैन ने कहा कि क्रिकेट एक भावनात्मक खेल है, और जब कोई खिलाड़ी कड़ी मेहनत के बाद विकेट लेता है, तो वह उत्साह व्यक्त करता है, जो बिल्कुल स्वाभाविक और मानवीय है। उन्होंने कहा, “आपको मैदान में 22 रोबोट नहीं चाहिए। खेल में भावनाएं ज़रूरी हैं। अगर खिलाड़ी जश्न भी नहीं मना सकते, तो फिर क्रिकेट का रोमांच ही क्या रह जाएगा?”
ICC ने सिराज को आचार संहिता के उल्लंघन के तहत चेतावनी दी और एक डिमेरिट प्वाइंट दिया, जब उन्होंने विकेट लेने के बाद बैटर की ओर आक्रामक अंदाज़ में प्रतिक्रिया दी। लेकिन कई पूर्व खिलाड़ी और क्रिकेट प्रेमी इस फैसले को अनावश्यक और कठोर मान रहे हैं।
नासिर हुसैन ने ICC से आग्रह किया कि वह खेल की भावना और खिलाड़ियों की स्वाभाविक प्रतिक्रियाओं के बीच संतुलन बनाए। उन्होंने यह भी कहा कि दर्शक खिलाड़ियों की असली भावनाएं देखना चाहते हैं, न कि स्क्रिप्टेड या दबे हुए रवैये।
यह विवाद अब क्रिकेट के नियमों और उनकी व्याख्या को लेकर एक नई बहस को जन्म दे चुका है, जहां खिलाड़ी, विशेषज्ञ और दर्शक सभी सवाल उठा रहे हैं – क्या क्रिकेट में जज़्बात दिखाना अब जुर्म है?