भारत की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगातार दूसरी घरेलू टेस्ट सीरीज़ हार के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने टीम के प्रदर्शन और पिचों की गुणवत्ता को लेकर कड़ी नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट की आने वाली पीढ़ियों को बचाने के लिए टीम मैनेजमेंट को स्पिन-अनुकूल पिचों को छोड़कर बेहतर टेस्ट विकेट तैयार करने चाहिए, क्योंकि इन खराब पिचों ने खिलाड़ियों की तकनीक और टेस्ट क्रिकेट की समझ को कमजोर कर दिया है।
हरभजन ने कहा कि मौजूदा भारतीय टीम पांच दिन तक चलने वाली टेस्ट क्रिकेट की मानसिकता खो चुकी है। उनकी राय में घरेलू मैदानों पर दो से तीन दिन में खत्म होने वाले मैचों ने खिलाड़ियों की बल्लेबाजी औसत को भी प्रभावित किया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसी बड़ी बल्लेबाजी औसत वाली तिकड़ी अब 35-40 के औसत पर सिमट गई।
हरभजन ने कहा कि पिछले 10–12 वर्षों में ऐसी पिचों पर मिली जीतों को भूलकर भारत को बेहतर विकेटों पर खेलना शुरू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट मेहनत, अनुशासन और धैर्य की मांग करता है, जो भारतीय क्रिकेट में लंबे समय से गायब है।
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उन्होंने गुवाहाटी टेस्ट में भारत के खराब प्रदर्शन को भी कड़ी आलोचना का विषय बनाया। दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 489 रन बनाए और दूसरी पारी में 260/5 पर घोषित किया, जबकि भारत ने अपनी दोनों पारियों में 201 और 140 रन बनाए। मार्को यानसन और साइमन हार्मर ने भारत को दोनों पारियों में झटका दिया, जिसमें यानसन ने मैच में सात विकेट लिए और 93 रन भी बनाए। हार्मर को 17 विकेट के साथ प्लेयर ऑफ द सीरीज़ चुना गया।
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