भारत के पूर्व कप्तान और 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य दिलीप वेंगसरकर ने जसप्रीत बुमराह की मैच चयन नीति पर कड़ी नाराज़गी जताई है। वेंगसरकर ने कहा कि राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना हर खिलाड़ी की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए और व्यक्तिगत सुविधा के अनुसार मैच चुनना गलत परंपरा है।
दरअसल, इंग्लैंड दौरे के लिए रवाना होने से पहले ही यह तय कर लिया गया था कि बुमराह पांच में से केवल तीन टेस्ट मैच ही खेलेंगे। यह घोषणा भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल ने की थी। ऐसे में बुमराह अब अंतिम दो में से किसी एक टेस्ट से बाहर रह सकते हैं।
वेंगसरकर ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, "ये राष्ट्रीय टीम है, न कि कोई क्लब टूर्नामेंट, जहां आप अपनी पसंद के अनुसार खेलें। जब आप भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हों, तो यह गर्व की बात है। फिट रहने के नाम पर अगर कोई अपनी मर्जी से मैच चुनने लगे, तो यह गलत उदाहरण पेश करता है।"
बुमराह के इस निर्णय ने क्रिकेट हलकों में बहस छेड़ दी है कि क्या वर्कलोड मैनेजमेंट के नाम पर इस तरह की चयनात्मक भागीदारी को उचित ठहराया जा सकता है, खासकर जब खिलाड़ी पूरी तरह फिट हो।