Indian Institute of Technology (IIT) दिल्ली के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित टूल विकसित किया है, जो एचवीएसी (हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग) फिल्टर के प्रदर्शन का पूर्वानुमान लगा सकता है और स्मार्ट फिल्टर डिजाइन करने में मदद कर सकता है। यह कदम इनडोर एयर क्वालिटी सुधारने में अहम साबित होगा।
कोविड-19 महामारी के दौरान जब लोग लंबे समय तक घरों में रहे, तब बेहतर इनडोर एयर क्वालिटी और प्रभावी फिल्ट्रेशन की आवश्यकता और स्पष्ट हुई। शोधकर्ताओं का कहना है कि जो फिल्टर अधिक हानिकारक कणों को रोकते हैं, वे अक्सर वायु प्रवाह को बाधित कर देते हैं, जिससे सिस्टम की ऊर्जा खपत बढ़ जाती है।
मुख्य शोधकर्ता अमित रावल, प्रोफेसर, टेक्सटाइल और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग, IIT दिल्ली ने बताया कि टीम ने वैश्विक स्तर पर प्रकाशित अध्ययनों से प्राप्त आंकड़ों को मशीन लर्निंग मॉडल पर प्रशिक्षित किया। इससे यह संभव हुआ कि फिल्टर कितनी अच्छी तरह हवा साफ करता है और साथ ही हवा कितनी आसानी से गुजर सकती है, इसका अनुमान लगाया जा सके।
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यह एआई मॉडल Separation and Purification Technology जर्नल में प्रकाशित हुआ और फारिदाबाद स्थित एलोफिक इंडस्ट्रीज लिमिटेड के औद्योगिक आंकड़ों पर सफलतापूर्वक परखा गया। यह साझेदारी उद्योग और अकादमिक जगत के बीच सहयोग को मजबूत बनाती है और स्वच्छ इनडोर हवा तथा ऊर्जा दक्षता की दिशा में बड़ा कदम है।
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