यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए चल रहे अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों पर एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) से बनाई गई फर्जी तस्वीरों का साया पड़ गया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कई एआई-जनित तस्वीरें वायरल हुईं, जिनमें उन्हें हास्यास्पद या अविश्वसनीय स्थितियों में दिखाया गया।
इन नकली तस्वीरों में एक दृश्य ऐसा भी सामने आया जिसमें दोनों नेताओं को कथित रूप से "ध्रुवीय भालू के साथ वॉल्ट्ज़ करते" दिखाया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की गलत सूचनाएँ न केवल जनता का ध्यान भटकाती हैं बल्कि युद्ध समाप्त करने के लिए चल रही गंभीर राजनयिक वार्ताओं को भी अविश्वसनीय बनाती हैं।
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों के अनुसार, एआई-सक्षम दुष्प्रचार अभियानों का उद्देश्य आम लोगों में भ्रम पैदा करना और राजनयिक प्रक्रियाओं पर से भरोसा कम करना है। इसके चलते शांति वार्ता पर संदेह गहराता है और देशों के बीच संवाद प्रभावित होता है।
और पढ़ें: यूट्यूब बच्चों की प्राइवेसी मामले में गूगल ने किया समझौता
सूत्रों के मुताबिक, यह गलत सूचना अभियान विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर फैला और लाखों लोगों तक पहुँचा। कई उपयोगकर्ताओं ने इन तस्वीरों को वास्तविक समझकर साझा भी किया।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर इस तरह के एआई-जनित फर्जी कंटेंट पर काबू नहीं पाया गया तो भविष्य में किसी भी अंतरराष्ट्रीय संकट समाधान प्रक्रिया को और कठिन बना देगा। सरकारों और तकनीकी कंपनियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस तरह के भ्रामक कंटेंट की पहचान और रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाएँ।
और पढ़ें: ट्रंप की नजर CHIPS एक्ट फंड पाने वाली अन्य अमेरिकी चिप कंपनियों में हिस्सेदारी पर