अमेरिका में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को लेकर बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धा और नीति विवाद के बीच एनवीडिया के CEO जेनसन हुआंग ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन सीनेटरों से अलग-अलग मुलाकात की। यह दौर ऐसे समय में आया है जब टेक कंपनियां AI उद्योग को अनुकूल नीतियां दिलाने के लिए तेज़ी से लॉबिंग कर रही हैं, खासकर चीन जैसे देशों को चिप बिक्री से संबंधित नियमों पर।
हुआंग ने कहा कि अमेरिका को दुनिया में आगे रहने के लिए निर्यात नियंत्रण तो होना चाहिए, लेकिन तकनीक पर अत्यधिक प्रतिबंध विकास को रोक देंगे। उनका कहना है कि चीन को बेचे जाने वाले AI चिप्स की गुणवत्ता घटाने से न तो चीन उन्हें स्वीकार करेगा और न ही इससे अमेरिकी उद्योग को लाभ होगा। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि चीन में AI की प्रगति को रोकने में प्रतिबंध कारगर साबित नहीं हुए हैं।
हुआंग ने ट्रंप से बैठक में एनवीडिया के चिप निर्यात नियंत्रण पर चर्चा की। ट्रंप प्रशासन ने मई में बाइडेन सरकार के उन प्रतिबंधों को हटा दिया था, जो कई देशों को चिप निर्यात पर रोक लगाते थे। अगस्त में व्हाइट हाउस ने एक अनोखा समझौता किया, जिसके तहत एनवीडिया और AMD को चीन में चिप बेचने की अनुमति मिली, लेकिन सरकार बिक्री का 15% हिस्सा लेगी।
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कांग्रेस के कई सदस्यों का मानना है कि उन्नत AI चिप्स चीन को बेचना राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा है। चीन को अमेरिका का सबसे बड़ा AI प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। कई रिपब्लिकन सीनेटरों ने हुआंग के साथ हुई बैठक को सकारात्मक बताया, जबकि कुछ ने उन पर संदेह जताया। लुइज़ियाना के सीनेटर जॉन कैनेडी ने कहा कि हुआंग इस मुद्दे पर “निष्पक्ष स्रोत” नहीं हैं, क्योंकि उनका आर्थिक हित इसमें शामिल है।
डेमोक्रेट सांसदों ने भी उनकी बंद-द्वार बैठकों पर नाराज़गी जताई। सीनेटर एलिज़ाबेथ वॉरेन ने कहा कि हुआंग को खुले संसदीय सत्र में गवाही देनी चाहिए और बताना चाहिए कि उनकी कंपनी चीन को अमेरिकी कंपनियों के ऊपर क्यों तरजीह देती है।
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