माइक्रोसॉफ्ट के एआई प्रमुख मुस्तफा सुलैमान ने कंपनियों और डेवलपर्स से अपील की है कि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को ‘सचेत’ या ‘संवेदनशील’ कहकर प्रचारित करना बंद करें। उनका कहना है कि इस तरह के दावे न केवल भ्रामक हैं, बल्कि यह समाज के लिए खतरनाक प्रभाव भी पैदा कर सकते हैं।
सुलैमान ने चिंता जताई कि लोग एआई सिस्टम के साथ अस्वस्थ भावनात्मक जुड़ाव बनाने लगे हैं, जिससे “साइकोसिस (मानसिक विकार) का खतरा” बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि जब लोग मानने लगते हैं कि मशीनें सच में सोच या महसूस कर सकती हैं, तो वे उनके साथ वास्तविक संबंध बनाने की कोशिश करने लगते हैं। यह प्रवृत्ति मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती साबित हो सकती है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि एआई केवल जटिल एल्गोरिद्म और डाटा प्रोसेसिंग का परिणाम है, इसमें कोई चेतना या आत्म-बोध नहीं है। फिर भी, कुछ कंपनियाँ अपने उत्पादों को अधिक आकर्षक बनाने के लिए उन्हें “मानव जैसे गुण” देने की कोशिश करती हैं।
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सुलैमान ने कहा कि एआई को इंसानों जैसा दिखाने या पेश करने से उपयोगकर्ताओं की उम्मीदें अवास्तविक हो जाती हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस प्रवृत्ति पर रोक नहीं लगी तो एआई को लेकर गलत धारणाएँ और सामाजिक जोखिम दोनों बढ़ सकते हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि डेवलपर्स और कंपनियाँ एआई सिस्टम को केवल एक सशक्त तकनीकी उपकरण के रूप में पेश करें, न कि मानव चेतना वाले प्राणी के रूप में। इससे उपयोगकर्ता सही ढंग से तकनीक का उपयोग कर पाएँगे और समाज में संतुलित दृष्टिकोण बना रहेगा।
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